जलवायु परिवर्तन: मुद्दे, कारण और आर्थिक विकास पर प्रभाव.,Jalvayu Parivartan Ke Karan aur Prabhav kya hai
जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक संकट है जो मानवीय गतिविधियों से प्रेरित है और इसके गंभीर मुद्दे, कारण तथा आर्थिक विकास पर व्यापक प्रभाव पड़ते हैं।
जलवायु परिवर्तन: मुद्दे, कारण और आर्थिक विकास पर प्रभाव
क्या जलवायु परिवर्तन केवल पर्यावरण की समस्या है?
अगर आप यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं या समसामयिक मुद्दों को गहराई से समझना चाहते हैं, तो जवाब साफ है – नहीं। जलवायु परिवर्तन आज पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, समाज, राजनीति और मानव सुरक्षा – सभी को एक साथ प्रभावित कर रहा है।
जलवायु परिवर्तन क्या है? (What is Climate Change?)
जलवायु परिवर्तन से तात्पर्य पृथ्वी की जलवायु प्रणाली में लंबे समय (दशकों या सदियों) में होने वाले परिवर्तनों से है, जैसे:
- औसत तापमान में वृद्धि (Global Warming)
- वर्षा चक्र में असंतुलन
- समुद्र स्तर में वृद्धि
- चरम मौसमी घटनाओं (Extreme Weather Events) की बढ़ती आवृत्ति
UPSC Key Line:
जलवायु परिवर्तन एक दीर्घकालिक, बहुआयामी और वैश्विक समस्या है, जिसका समाधान केवल तकनीकी नहीं बल्कि नीतिगत और व्यवहारिक बदलावों से संभव है।
जलवायु परिवर्तन के प्रमुख मुद्दे (Key Issues of Climate Change)
1️⃣ वैश्विक तापमान में वृद्धि
प्रभाव:
- हिमनदों का पिघलना
- समुद्र स्तर में वृद्धि
- कृषि और जल संसाधनों पर दबाव
2️⃣ चरम मौसमी घटनाएँ
- हीटवेव
- बाढ़
- सूखा
- चक्रवात
👉 भारत में हाल के वर्षों में अनियमित मानसून और अचानक बाढ़ इसके स्पष्ट उदाहरण हैं।
3️⃣ जैव विविधता पर संकट
- कई प्रजातियाँ विलुप्ति के कगार पर
- पारिस्थितिकी संतुलन बिगड़ना
UPSC Angle:
जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता ह्रास एक‑दूसरे को बढ़ाने वाले (Reinforcing) कारक हैं।
4️⃣ मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव
- हीट स्ट्रोक
- संक्रामक रोगों का फैलाव
- कुपोषण
5️⃣ जल और खाद्य सुरक्षा
- ग्लेशियर पिघलने से नदियों के प्रवाह में अनिश्चितता
- फसल उत्पादन में गिरावट
इंफोग्राफिक: जलवायु परिवर्तन के मुद्दे (Text-Based Infographic)
जलवायु परिवर्तन
│
├── तापमान वृद्धि
├── चरम मौसम
├── समुद्र स्तर वृद्धि
├── जैव विविधता ह्रास
├── जल संकट
└── खाद्य असुरक्षा
जलवायु परिवर्तन के कारण (Causes of Climate Change)
1️⃣ मानवीय (Anthropogenic) कारण – सबसे प्रमुख
(a) जीवाश्म ईंधनों का अत्यधिक उपयोग
- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस
- बिजली उत्पादन, परिवहन, उद्योग
➡️ इससे CO₂, CH₄, N₂O जैसी ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ता है।
(b) औद्योगिकीकरण और शहरीकरण
- अनियंत्रित शहरी विस्तार
- ऊर्जा की बढ़ती मांग
(c) वनों की कटाई
- कार्बन अवशोषण की क्षमता में कमी
- स्थानीय जलवायु में बदलाव
(d) कृषि गतिविधियाँ
- धान की खेती से मीथेन
- रासायनिक उर्वरकों से नाइट्रस ऑक्साइड
2️⃣ प्राकृतिक कारण (कम प्रभावी)
- ज्वालामुखीय गतिविधियाँ
- सौर विकिरण में बदलाव
UPSC Fact:
वर्तमान जलवायु परिवर्तन में मानवीय कारणों की भूमिका 90% से अधिक मानी जाती है।
इंफोग्राफिक: कारण बनाम प्रभाव
कारण प्रभाव
-------------------------------------
जीवाश्म ईंधन ─────▶ तापमान वृद्धि
वनों की कटाई ─────▶ वर्षा असंतुलन
उद्योग ─────▶ प्रदूषण + स्वास्थ्य संकट
आर्थिक विकास पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
1️⃣ कृषि क्षेत्र पर प्रभाव
- GDP में कृषि का योगदान घटता
- किसानों की आय पर असर
- फसल बीमा और सब्सिडी पर सरकारी बोझ
भारत संदर्भ:
भारत की लगभग 50% आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है।
2️⃣ औद्योगिक और अवसंरचना क्षेत्र
- बाढ़ से सड़क, रेलवे, बिजली परियोजनाओं को नुकसान
- उत्पादन लागत में वृद्धि
3️⃣ स्वास्थ्य व्यय में वृद्धि
- सरकार का सार्वजनिक स्वास्थ्य खर्च बढ़ता
- श्रम उत्पादकता घटती
4️⃣ गरीबी और असमानता
- जलवायु परिवर्तन गरीबी को और गहरा करता है
- सबसे अधिक असर – गरीब, महिलाएँ, बच्चे
UPSC Mains Line:
जलवायु परिवर्तन सामाजिक‑आर्थिक असमानताओं को बढ़ाने वाला एक मौन कारक है।
5️⃣ प्रवासन और शहरी दबाव
- जलवायु शरणार्थी (Climate Refugees)
- शहरों पर जनसंख्या दबाव
इंफोग्राफिक: अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
जलवायु परिवर्तन
│
├── कृषि उत्पादन ↓
├── स्वास्थ्य खर्च ↑
├── अवसंरचना नुकसान ↑
├── गरीबी ↑
└── आर्थिक विकास ↓
भारत और जलवायु परिवर्तन
भारत की संवेदनशीलता
- लंबी तटरेखा
- मानसून पर निर्भर अर्थव्यवस्था
- उच्च जनसंख्या घनत्व
भारत की पहल
- राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (NAPCC)
- अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA)
- LiFE मिशन (Lifestyle for Environment)
सतत विकास और समाधान
1️⃣ नवीकरणीय ऊर्जा
- सौर, पवन, जल, बायो‑एनर्जी
2️⃣ हरित अर्थव्यवस्था
- Green Jobs
- Circular Economy
3️⃣ जलवायु‑स्मार्ट कृषि
- माइक्रो इरिगेशन
- जल संरक्षण
4️⃣ अंतरराष्ट्रीय सहयोग
- पेरिस समझौता
- जलवायु वित्त
✍️ UPSC उत्तर लेखन के लिए निष्कर्ष
निष्कर्ष:
जलवायु परिवर्तन केवल भविष्य की नहीं बल्कि वर्तमान की सबसे बड़ी विकासात्मक चुनौती है। आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण को विरोधी नहीं बल्कि पूरक के रूप में देखने की आवश्यकता है। सतत विकास ही एकमात्र रास्ता है, जहाँ विकास भी हो और धरती भी सुरक्षित रहे।
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