अर्थशास्त्र में तकनीकों के चयन को कौन-कौन से कारक प्रभावित करते हैं UPSC लेवल, आसान भाषा में पूरा विश्लेषण
अर्थशास्त्र में तकनीकी के चयन कैसे प्रभावित होती है। इससे संबंधित जानकारी यह ब्लॉग आपको पूरी गहराई, सरल भाषा, और तर्कपूर्ण तरीके से समझाएगा कि आखिर वे कौन-कौन से कारक हैं जो उत्पादन तकनीक के चयन को प्रभावित करते हैं।
अर्थशास्त्र में तकनीकों के चयन को कौन-कौन से कारक प्रभावित करते हैं UPSC लेवल, आसान भाषा में पूरा विश्लेषण
परिचय: तकनीक का चयन इतना महत्वपूर्ण क्यों होता है?
किसी भी अर्थव्यवस्था की गति, उत्पादन की लागत, रोज़गार का स्तर और विकास की दिशा—इन सब पर एक चीज़ का गहरा प्रभाव होता है: तकनीकों का चयन (Technique of Production)।
यानि, एक अर्थव्यवस्था तय करती है कि:
- क्या मजदूर-आधारित तकनीक चुनी जाए? (Labour-intensive)
- या मशीन-आधारित तकनीक? (Capital-intensive)
- या दोनों का मिश्रण (Appropriate Technology)?
UPSC, SSC, State PCS, UGC-NET, और कॉलेज परीक्षाओं में यह विषय लगातार पूछा जाता है।
यह ब्लॉग आपको पूरी गहराई, सरल भाषा, और तर्कपूर्ण तरीके से समझाएगा कि आखिर वे कौन-कौन से कारक हैं जो उत्पादन तकनीक के चयन को प्रभावित करते हैं।
इंफोग्राफिक (Text Format) “टेक्नोलॉजी चुनने के 12 मुख्य कारक”
┌────────────────────────────────────────────┐
│ TECHNIQUE OF PRODUCTION – KEY FACTORS │
└────────────────────────────────────────────┘
┌───────────────┬────────────────────────────────────────────┐
│ 1. Factor Prices │ मजदूरी बनाम पूंजी लागत │
├───────────────┼────────────────────────────────────────────┤
│ 2. Availability │ श्रम/पूंजी की उपलब्धता │
├───────────────┼────────────────────────────────────────────┤
│ 3. Scale of Production│ छोटे/बड़े पैमाने का उत्पादन │
├───────────────┼────────────────────────────────────────────┤
│ 4. Market Demand │ मांग का पैटर्न और स्थिरता │
├───────────────┼────────────────────────────────────────────┤
│ 5. Government Policy │ टैक्स, सब्सिडी, कानून │
├───────────────┼────────────────────────────────────────────┤
│ 6. Technology Access │ आधुनिक तकनीक की उपलब्धता │
├───────────────┼────────────────────────────────────────────┤
│ 7. Natural Resources │ कच्चे माल का प्रकार │
├───────────────┼────────────────────────────────────────────┤
│ 8. Infrastructure │ बिजली, परिवहन, इंटरनेट │
├───────────────┼────────────────────────────────────────────┤
│ 9. Skill Levels │ श्रमिकों की दक्षता │
├───────────────┼────────────────────────────────────────────┤
│ 10. Social Impact │ रोजगार, असमानता, ग्रामीण प्रभाव │
├───────────────┼────────────────────────────────────────────┤
│ 11. Environmental Laws │ प्रदूषण, ग्रीन टेक्नोलॉजी │
├───────────────┼────────────────────────────────────────────┤
│ 12. Entrepreneur Choice│ उद्यमी का जोखिम झुकाव │
└───────────────┴────────────────────────────────────────────┘
1. कारक कीमतें (Factor Prices): मजदूरी बनाम पूंजी लागत
यह सबसे निर्णायक कारक माना जाता है।
यदि मजदूरी कम हो →
Labour-intensive तकनीक चुनी जाती है
➡ जैसे: भारत, बांग्लादेश, नेपाल
➡ उदाहरण: हैंडलूम, खाद्य प्रसंस्करण, पैकेजिंग
यदि पूंजी सस्ती हो →
Capital-intensive तकनीक चुनी जाती है
➡ जैसे: जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी
➡ उदाहरण: ऑटोमोबाइल, रोबोटिक्स, ईवी उत्पादन
UPSC Angle
“Factor Price Equalisation Theory” और “Heckscher-Ohlin Model” भी इसी बात पर आधारित हैं।
2. उत्पादन कारकों की उपलब्धता (Availability of Factors)
- भारत में श्रम अधिक, पूंजी कम → श्रम-प्रधान तकनीक
- पश्चिमी देशों में कुशल श्रमिक + उच्च पूंजी → मशीन-प्रधान तकनीक
⚡ उदाहरण:
- स्टार्टअप्स → कम श्रम, अधिक मशीन
- ग्रामीण उद्योग → अधिक श्रम, कम मशीन
3. उत्पादन का पैमाना (Scale of Production)
छोटे उद्योग
→ श्रम-प्रधान तकनीक
→ कम निवेश, सीमित पूंजी
बड़े उद्योग
→ पूंजी-प्रधान तकनीक
→ बड़े प्रोडक्शन टारगेट
→ हाई क्वालिटी की स्थिर मांग
4. बाज़ार में मांग का आकार (Size & Pattern of Demand)
तकनीक बाजार की मांग पर भारी निर्भर करती है।
स्थिर व बड़ी मांग
→ पूंजी-प्रधान तकनीक → Mass Production
उदाहरण: FMCG, ऑटोमोबाइल
छोटी व अस्थिर मांग
→ श्रम-प्रधान तकनीक
उदाहरण: ज्वेलरी, हस्तशिल्प, स्थानीय बाजार
5. सरकारी नीतियाँ (Government Policies)
सरकार कई तरीकों से तकनीक चयन को प्रभावित करती है:
- टैक्स छूट
- सब्सिडी
- आयात शुल्क
- श्रम कानून
- पर्यावरण कानून
उदाहरण
- “Make in India” → Automation को बढ़ावा
- “MSME Policy” → Labour-intensive units को इन्सेंटिव
6. तकनीक की उपलब्धता (Availability of Technology)
यदि किसी देश में आधुनिक मशीनें उपलब्ध नहीं हैं, तो उसे श्रम-प्रधान तकनीक अपनानी ही पड़ेगी।
- विकसित देशों → हाई-एंड मशीनें
- विकासशील देशों → बेसिक मशीनें + मानव श्रम
7. प्राकृतिक संसाधन (Nature of Raw Materials)
कुछ संसाधनों को प्रोसेस करने के लिए उन्नत तकनीक जरूरी होती है।
उदाहरण:
- खनन → मशीन-प्रधान
- फल/सब्जी प्रसंस्करण → श्रम-प्रधान
- कपड़ा उद्योग → मिश्रित
8. आधारभूत संरचना (Infrastructure)
तकनीक का चयन इंफ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर करता है:
- बिजली
- सड़कें
- इंटरनेट
- लॉजिस्टिक
- कच्चा माल की उपलब्धता
अगर बिजली कमजोर है → मशीन आधारित उत्पादन नहीं चल पाएगा।
9. श्रमिकों की दक्षता (Skill Level of Labour)
कम कौशल → Labour-intensive
उच्च कौशल → Capital-intensive
UPSC Link
“Human Capital Formation” उत्पादन तकनीक को सीधे प्रभावित करती है।
10. सामाजिक प्रभाव (Social Considerations)
सरकार कई बार सामाजिक कारणों से श्रम-आधारित तकनीकों को प्रोत्साहित करती है:
- ग्रामीण रोजगार
- महिला रोजगार
- गरीबी उन्मूलन
- असमानता कम करना
उदाहरण:
मनरेगा, ग्रामीण सड़क निर्माण — श्रम प्रधान तकनीकों को बढ़ावा
11. पर्यावरणीय प्रभाव (Environmental Regulations)
नई पर्यावरणीय नीतियाँ उद्योगों को नई तकनीक अपनाने के लिए मजबूर करती हैं:
- ग्रीन टेक
- ऊर्जा दक्ष मशीनें
- कम प्रदूषण वाले उपकरण
भारत का उदाहरण
- “Net Zero 2070 Target”
- सोलर + विंड टेक्नोलॉजी
- इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा
यह भी पढ़ें :मानव पूंजी क्या है इसकी अवधारणा महत्व और भारत के विकास में भूमिका क्या है
12. उद्यमी का जोखिम झुकाव (Risk Appetite)
कुछ उद्यमी मशीनों में निवेश करने को तैयार होते हैं, कुछ कम जोखिम लेते हैं।
- High-risk → Capital-intensive
- Low-risk → Labour-intensive
अतिरिक्त 6 कारक (UPSC Extra Points)
1. Cost Minimisation Objective
2. Profit Maximisation Aim
3. Firm’s Market Structure (Perfect / Monopoly)
4. International Competition
5. Technology Transfer Agreements
6. Global Supply Chain Integration
ये उत्तर को UPSC या MBA स्तर पर “high-scoring” बनाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
अर्थशास्त्र में तकनीक का चयन केवल मशीन बनाम मजदूर का चयन नहीं है।
यह एक बहु-स्तरीय निर्णय है जो कीमत, उपलब्धता, मांग, सरकारी नीति, संसाधन, और सामाजिक उद्देश्यों का मिश्रण है।
भारत जैसे श्रम-बहुल देश के लिए “मिश्रित तकनीक (Appropriate Technology)” आज भी सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
UPSC Mains में कैसे लिखें? (Value-add Section)
“Technique of production is influenced by factor prices, scale, technology, policy intervention and socio-economic objectives. In developing economies like India, employment generation often takes precedence over pure cost minimisation.”
यह 150–250 शब्दों का perfect mains answer बनता है।
FAQs — पूछे जाने लायक 10 प्रश्न
1. तकनीक चयन पर सबसे ज्यादा प्रभाव किसका होता है?
→ कारक कीमतें (मजदूरी बनाम पूंजी लागत)
2. भारत कौन-सी तकनीक अपनाता है?
→ श्रम-प्रधान + मिश्रित तकनीक
3. क्या सरकारी नीतियाँ तकनीक को बदल सकती हैं?
→ हाँ, टैक्स, सब्सिडी और कानून से बहुत फर्क पड़ता है।
4. क्या मशीन हमेशा बेहतर होती है?
→ नहीं, छोटे उद्योगों में श्रम-प्रधान तकनीक अधिक लाभकारी रहती है।
5. UPSC Mains में यह विषय किस पेपर में आता है?
→ GS-III (Economy), और Economics Optional
लेखक : पंकज कुमार
मैं पंकज कुमार 2018 से ब्लॉगिंग के दुनिया में सक्रिय हूं। मेरा उद्देश्य छात्रों और युवाओं को सही करियर दिशा देना है। यहाँ हम आसान भाषा में करियर गाइड, भविष्य में डिमांड वाले कोर्स, जॉब टिप्स, स्किल डेवलपमेंट और शिक्षा से जुड़ी विश्वसनीय जानकारी प्रदान करते हैं।
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