एंगेल का उपभोग नियम एक आर्थिक सिद्धांत है जो बताता है कि जैसे-जैसे परिवार की आय बढ़ती है, भोजन पर व्यय का प्रतिशत घटता जाता है, हालांकि कुल भोजन व्यय बढ़ सकता है। यह नियम 1857 में जर्मन सांख्यिकीविद् अर्न्स्ट एंगेल द्वारा प्रतिपादित किया गया।
एंगल के उपभोग का नियम सरल व्याख्या, उदाहरण, आलोचना व यूपीएससी दृष्टिकोण
आय बढ़े तो भोजन पर खर्च क्यों घटता है? एंगल के उपभोग के नियम की संपूर्ण व्याख्या | UPSC GS-I/III के लिए परफेक्ट नोट्स
प्रस्तावना (Introduction)
क्या आपने कभी गौर किया है कि गरीब परिवार अपनी आय का बड़ा हिस्सा भोजन पर खर्च करते हैं, जबकि अमीर परिवार भोजन पर अपेक्षाकृत कम प्रतिशत खर्च करते हैं, भले ही उनका कुल खर्च अधिक हो?
इसी व्यवहार को समझाने के लिए जर्मन अर्थशास्त्री अर्न्स्ट एंगल (Ernst Engel) ने 19वीं शताब्दी में जो सिद्धांत दिया, वही है —
👉 एंगल का उपभोग का नियम (Engel’s Law of Consumption)
यह नियम अर्थशास्त्र, यूपीएससी, राज्य लोक सेवा आयोग, नीति आयोग, गरीबी अध्ययन, और विकास अर्थशास्त्र का एक अत्यंत महत्वपूर्ण आधार है।
एंगल कौन थे? (About Ernst Engel)
- जन्म: 1821, जर्मनी
- पेशा: सांख्यिकीविद एवं अर्थशास्त्री
- योगदान:
- घरेलू बजट अध्ययन
- उपभोग व्यवहार का विश्लेषण
- प्रमुख कार्य:
- 1857 में Engel Curve का प्रतिपादन
👉 एंगल का मुख्य फोकस था:
“आय और उपभोग के बीच संबंध”
एंगल के उपभोग का नियम – परिभाषा
“जैसे-जैसे किसी परिवार की आय बढ़ती है, वैसे-वैसे भोजन पर होने वाला व्यय कुल आय के प्रतिशत के रूप में घटता जाता है, जबकि शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, विलासिता पर व्यय बढ़ता है।”
सरल शब्दों में:
- आय ↑ → भोजन पर खर्च % ↓
- आय ↑ → गैर-खाद्य वस्तुओं पर खर्च % ↑
एंगल का नियम: मुख्य कथन (Core Statements)
एंगल ने उपभोग को तीन श्रेणियों में विभाजित किया:
1️⃣ खाद्य वस्तुएँ (Food Items)
- आय बढ़ने पर
- खर्च बढ़ता है,
- लेकिन अनुपात (percentage) घटता है
2️⃣ वस्त्र, आवास, ईंधन
- आय बढ़ने पर
- खर्च लगभग समान अनुपात में बढ़ता है
3️⃣ विलासिता, शिक्षा, स्वास्थ्य
- आय बढ़ने पर
- खर्च आय से तेज़ गति से बढ़ता है
एंगल वक्र (Engel Curve) – समझें आसान तरीके से
एंगल वक्र आय और किसी वस्तु पर व्यय के बीच संबंध को दर्शाता है।
प्रकार:
| वस्तु का प्रकार | एंगल वक्र की प्रवृत्ति |
|---|---|
| आवश्यक वस्तुएँ | धीरे-धीरे ऊपर |
| सामान्य वस्तुएँ | सीधी रेखा |
| विलासिता वस्तुएँ | तेज़ी से ऊपर |
भोजन के लिए एंगल वक्र धीरे-धीरे झुकता हुआ होता है।
उदाहरण से समझिए (Real Life Example)
परिवार A (कम आय)
- मासिक आय: ₹10,000
- भोजन खर्च: ₹6,000 (60%)
परिवार B (मध्यम आय)
- मासिक आय: ₹30,000
- भोजन खर्च: ₹9,000 (30%)
परिवार C (उच्च आय)
- मासिक आय: ₹1,00,000
- भोजन खर्च: ₹15,000 (15%)
निष्कर्ष:
आय बढ़ी → भोजन खर्च बढ़ा
लेकिन → भोजन पर खर्च का प्रतिशत घटा
यही है एंगल का नियम
यूपीएससी के लिए एंगल नियम का महत्व
GS Paper-I
- समाज और गरीबी
- जीवन स्तर का अध्ययन
GS Paper-III
- आर्थिक विकास
- उपभोग संरचना
- मानव विकास सूचकांक (HDI)
Essay Paper
- “Economic Growth vs Human Welfare”
- “Changing Consumption Pattern in India”
भारत के संदर्भ में एंगल का नियम
NSSO और NFHS डेटा से प्रमाण:
- ग्रामीण भारत में
- भोजन पर खर्च ~45–50%
- शहरी भारत में
- भोजन पर खर्च ~30–35%
जैसे-जैसे:
- आय ↑
- शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन पर खर्च ↑
- भोजन का अनुपात ↓
यह दर्शाता है कि भारत विकास के संक्रमण चरण में है।
गरीबी मापन में एंगल का नियम
- एंगल गुणांक (Engel Coefficient)
= भोजन पर खर्च / कुल खर्च
| एंगल गुणांक | स्थिति |
|---|---|
| अधिक | गरीबी |
| कम | समृद्धि |
नीति आयोग और विश्व बैंक द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से प्रयोग।
एंगल के नियम की आलोचना (Criticism)
1. सार्वभौमिक नहीं
- सभी देशों पर समान रूप से लागू नहीं
2. समय के साथ बदलाव
- आज रेडी-टू-ईट फूड, ऑर्गेनिक फूड महंगे हैं
3. सांस्कृतिक प्रभाव
- भारतीय परिवार भोजन पर भावनात्मक खर्च करते हैं
4. गुणवत्ता की उपेक्षा
- नियम मात्रा पर केंद्रित है, गुणवत्ता पर नहीं
एंगल के नियम की प्रासंगिकता (Relevance Today)
आज भी:
- विकासशील देशों में लागू
- गरीबी अध्ययन में उपयोगी
- नीति निर्माण में सहायक
विशेष रूप से:
- SDG-1 (No Poverty)
- SDG-2 (Zero Hunger)
एंगल बनाम अन्य उपभोग सिद्धांत
| सिद्धांत | अर्थशास्त्री |
|---|---|
| एंगल का नियम | Ernst Engel |
| जीवन चक्र सिद्धांत | Modigliani |
| स्थायी आय सिद्धांत | Friedman |
| सापेक्ष आय सिद्धांत | Duesenberry |
उत्तर लेखन के लिए मॉडल उत्तर (UPSC Ready)
एंगल का उपभोग का नियम बताता है कि आय बढ़ने पर भोजन पर व्यय का अनुपात घटता है, जबकि गैर-खाद्य एवं विलासिता वस्तुओं पर व्यय बढ़ता है। यह नियम विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में गरीबी, जीवन स्तर एवं उपभोग संरचना के अध्ययन में अत्यंत उपयोगी है।
(Natural Placement)
- एंगल के उपभोग का नियम
- Engel’s Law in Hindi
- UPSC Economics Notes
- उपभोग सिद्धांत
- गरीबी और उपभोग
- विकास अर्थशास्त्र
निष्कर्ष (Conclusion)
एंगल का उपभोग का नियम केवल एक आर्थिक सिद्धांत नहीं, बल्कि
👉 मानव जीवन स्तर का दर्पण है।
यह बताता है कि:
- आय बढ़ना = सिर्फ पैसा नहीं
- आय बढ़ना = बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन गुणवत्ता
UPSC अभ्यर्थियों के लिए यह टॉपिक “स्कोर बूस्टर” है,.
लेखक : पंकज कुमार
मैं पंकज कुमार 2018 से ब्लॉगिंग के दुनिया में सक्रिय हूं। मेरा उद्देश्य छात्रों और युवाओं को सही करियर दिशा देना है। यहाँ हम आसान भाषा में करियर गाइड, भविष्य में डिमांड वाले कोर्स, जॉब टिप्स, स्किल डेवलपमेंट और शिक्षा से जुड़ी विश्वसनीय जानकारी प्रदान करते हैं।
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