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karyasheel punji ka arth aur tatparya kya hai,कार्यशील पूंजी का अर्थ और तात्पर्य सूत्र, महत्व, प्रबंधन और उदाहरण

कार्यशील पूंजी के अर्थ और तात्पर्यज का मतलब कार्यशील पूंजी किसी कंपनी की वर्तमान परिसंपत्तियों और वर्तमान देनदारियों के बीच का अंतर, यानी वह राशि जो व्यवसाय के पास अपनी अल्पकालिक जरूरतों और दायित्वों को पूरा करने के लिए उपलब्ध होती है।   कार्यशील पूंजी का अर्थ और तात्पर्य सूत्र, महत्व, प्रबंधन और उदाहरण   परिचय: कार्यशील पूंजी क्यों महत्वपूर्ण है? किसी भी व्यवसाय के सुचारू संचालन के लिए पूंजी सबसे आवश्यक तत्व होती है। कार्यशील पूंजी (Working Capital) वह वित्तीय ऊर्जा है, जिससे एक व्यवसाय अपनी दैनिक गतिविधियाँ—जैसे कच्चा माल खरीदना, कर्मचारियों को वेतन देना, उत्पादन चलाना और बिक्री को बनाए रखना—सफलतापूर्वक कर पाता है। अगर किसी फर्म के पास पर्याप्त कार्यशील पूंजी नहीं है, तो वह अल्पकालिक देनदारियों को पूरा करने में असमर्थ हो सकती है, जिससे व्यापार की स्थिरता पर खतरा आ सकता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे: कार्यशील पूंजी का अर्थ और तात्पर्य इसके प्रकार सूत्र (Formula) महत्व और आवश्यकता प्रभाव डालने वाले कारक कार्यशील पूंजी प्रबंधन वास्तविक उदाहर...

कार्यशील पूंजी फाइनेंसिंग के प्रकार, फायदेऔर ब्याज दरें की स्टेप बाय स्टेप जानकारी

अगर आप एक बिजनेसमैन है और कार्यशील पूंजी फाइनेंसिंग के बारे में जानना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। कार्यशील पूंजी फाइनेंसिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यवसाय अपनी संचालन से जुड़ी खर्चों (जैसे कच्चा माल खरीदना, वेतन देना, बिल चुकाना) के लिए ऋण या वित्तीय सहायता प्राप्त करते हैं।  कार्यशील पूंजी फाइनेंसिंग के प्रकार, फायदेऔर ब्याज दरें  की स्टेप बाय स्टेप जानकारी   परिचय: कार्यशील पूंजी फाइनेंसिंग क्यों ज़रूरी है? हर व्यवसाय को अपनी दैनिक जरूरतें पूरी करने के लिए कार्यशील पूंजी (Working Capital) की आवश्यकता होती है। यह पूंजी व्यापार के ऑपरेशन , इन्वेंट्री खरीद , कर्मचारियों के वेतन , कच्चे माल की लागत , और बिक्री-पश्चात खर्चों को पूरा करने में मदद करती है। लेकिन कई बार व्यवसाय के पास तुरंत उपलब्ध नकदी नहीं होती, ऐसे में कार्यशील पूंजी फाइनेंसिंग (Working Capital Financing) सबसे बड़ा सहारा बनती है। 👉 सरल शब्दों में , कार्यशील पूंजी फाइनेंसिंग का अर्थ है — “व्यवसाय की दैनिक कार्यशील जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया गया अल्पकालिक...

karyasheel punji ki ganana kaise ki jaati hai, कार्यशील पूंजी की गणना कैसे करें

कार्यशील पूंजी की गणना से आपको अपनी कंपनी की वित्तीय स्थिरता और तरलता की सही जानकारी मिलती है ताकि आप व्यवसाय के दैनिक संचालन में सुधार कर सकें और वित्तीय जोखिमों को कम कर सकें। संपूर्ण जानकारी के लिए लेख को पूरा पढ़ें।   कार्यशील पूंजी की गणना कैसे करें? | Working Capital Calculation in Hindi  कार्यशील पूंजी (Working Capital) किसी भी व्यवसाय की वित्तीय सेहत का सबसे महत्वपूर्ण सूचक है। इस ब्लॉग में जानें कार्यशील पूंजी की परिभाषा, सूत्र, प्रकार, गणना के उदाहरण, महत्व और इसे सुधारने के प्रभावी तरीके।  परिचय: कार्यशील पूंजी क्या होती है? हर व्यवसाय को अपने दैनिक खर्चों, जैसे कच्चा माल खरीदना, कर्मचारियों को वेतन देना, बिजली-पानी का बिल चुकाना आदि के लिए धन की आवश्यकता होती है। इन्हीं दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए जो पूंजी उपयोग में लाई जाती है, उसे कार्यशील पूंजी (Working Capital) कहा जाता है। सरल शब्दों में: “कार्यशील पूंजी वह राशि है जो किसी व्यवसाय के वर्तमान परिसंपत्तियों (Current Assets) और वर्तमान देनदारियों (Current Liabilities) के बीच के अंतर से प...

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का आधुनिक सिद्धांत महत्व और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भूमिका सम्पूर्ण विश्लेषण

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का आधुनिक सिद्धांत, जिसे हेक्शर-ओलिन सिद्धांत भी कहते हैं, यह मानता है कि देशों के बीच व्यापार उनकी संसाधनों की प्रचुरता (जैसे श्रम, भूमि, पूंजी) के कारण होता है। प्रत्येक देश उन वस्तुओं का निर्यात करता है, जिनके उत्पादन में उनके पास मौजूद संसाधन सबसे अधिक मात्रा और सस्ते होते हैं, जबकि जिन वस्तुओं के लिए संसाधन कम हैं, उनका आयात करता है।  अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का आधुनिक   सिद्धांत महत्व और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भूमिका  सम्पूर्ण विश्लेषण  परिचय (Introduction) विश्व अर्थव्यवस्था आज आपस में इतनी जुड़ी हुई है कि किसी एक देश का उत्पादन, दूसरे देश की जरूरतों को पूरा करता है। यह प्रक्रिया ही “अंतरराष्ट्रीय व्यापार (International Trade)” कहलाती है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार केवल वस्तुओं के लेन-देन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सेवाओं, तकनीक, ज्ञान और पूंजी के वैश्विक प्रवाह का प्रतीक बन चुका है। इसी व्यापार के सिद्धांतों को समझाने के लिए दो प्रमुख दृष्टिकोण विकसित हुए — 👉 Type One: पारंपरिक (Classical) व्यापार सिद्धांत 👉 Type Two: आधुनिक...

फिनटेक के प्रकार, विकास और भविष्य क्या है

वर्तमान समय में फिंटेक वित्तीय समावेशन का नया रास्ता खोला है। वित्तीय सेवाओं डिजिटल,पेमेंट लोन, इंश्योरेंस में टेक्नोलॉजी का उपयोग फिंटेक के द्वारा शुरू हुआ है।  फिनटेक के प्रकार, विकास और भविष्य क्या है? परिचय आज की डिजिटल दुनिया में फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी (Fintech) ने बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं का चेहरा बदल दिया है। फिनटेक का सीधा अर्थ है – वित्तीय सेवाओं में टेक्नोलॉजी का उपयोग । चाहे ऑनलाइन पेमेंट हो, डिजिटल लोन, इंश्योरेंस, वेल्थ मैनेजमेंट या क्रिप्टोकरेंसी – हर क्षेत्र में फिनटेक ने नई संभावनाएँ खोली हैं। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे – फिनटेक क्या है? फिनटेक के प्रकार फिनटेक का विकास भारत और दुनिया में फिनटेक का प्रभाव फिनटेक का भविष्य क्या है? सामान्य प्रश्न (FAQ) फिनटेक क्या है? फिनटेक (Fintech) शब्द “Financial” और “Technology” से मिलकर बना है। इसका मतलब है वित्तीय सेवाओं में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना ताकि लोगों को आसान, सुरक्षित और तेज़ सुविधा मिल सके। उदाहरण के तौर पर: UPI पेमेंट (PhonePe, Google Pay, Paytm) नेट बैंकिंग डिजिटल लोन और क्रेडिट ...

फिनटेक का विकास: डिजिटल वित्तीय क्रांति की पूरी कहानी

इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि फिनटेक का विकास कैसे हुआ, इसका इतिहास क्या है, इसके प्रकार, फायदे, चुनौतियाँ और भविष्य किस दिशा में है। फिनटेक का विकास: डिजिटल वित्तीय क्रांति की पूरी कहानी प्रस्तावना आज की दुनिया डिजिटल तकनीक पर निर्भर है। बैंकिंग, निवेश, बीमा, भुगतान और उधार जैसी वित्तीय सेवाएँ अब पूरी तरह बदल चुकी हैं। इस बदलाव के केंद्र में है फिनटेक (Fintech) । फिनटेक का मतलब है Financial Technology , यानी वित्तीय सेवाओं को तकनीक की मदद से आसान, तेज़ और सुरक्षित बनाना। भारत समेत पूरी दुनिया में फिनटेक ने आम आदमी से लेकर बड़े-बड़े उद्योगों तक को प्रभावित किया है। डिजिटल पेमेंट्स, यूपीआई, वॉलेट, ऑनलाइन लोन, रोबो-एडवाइजर्स और ब्लॉकचेन इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। फिनटेक क्या है? फिनटेक शब्द का मतलब है तकनीक (Technology) और वित्त (Finance) का संगम। मोबाइल एप्स और इंटरनेट प्लेटफॉर्म के जरिए बैंकिंग और फाइनेंस तक पहुंच। बिना बैंक जाए ऑनलाइन पेमेंट, निवेश और बीमा खरीदने की सुविधा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ब्लॉकचेन और बिग डेटा का इस्तेमाल। फिनटेक का इतिहास और विकास...

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान पूरी जानकारी

गूगल, अमेज़न, आईबीएम, और सरकारी संस्थाएं तक इस तकनीक को अपना रही हैं। लेकिन हर तकनीक की तरह इसके भी फायदे और नुकसान हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के लाभ और हानियां क्या हैं । ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान परिचय आज के डिजिटल युग में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आई है। चाहे बात क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की हो, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स की या फिर सुरक्षित डिजिटल लेन-देन की – ब्लॉकचेन हर क्षेत्र में अपने प्रभाव को तेजी से बढ़ा रही है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है? ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर (Digital Ledger) है जिसमें डेटा ब्लॉक्स के रूप में सुरक्षित रहता है। हर ब्लॉक एक-दूसरे से जुड़ा होता है और इसमें लेन-देन की जानकारी सुरक्षित तरीके से दर्ज रहती है। इसे कोई भी एकल संस्था (Central Authority) कंट्रोल नहीं करती। इसमें जानकारी पब्लिक और ट्रांसपेरेंट रहती है। एक बार डेटा सेव हो जाने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के फायदे (Advantages of Blockchain Technology) 1. पारदर्शिता (...

ब्लॉकचेन तकनीकी का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पूरी जानकारी

इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि ब्लॉकचेन तकनीकी का अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है, इसके फायदे, चुनौतियाँ और भविष्य की संभावनाएँ क्या हैं। ब्लॉकचेन तकनीकी का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव परिचय आज की डिजिटल दुनिया में ब्लॉकचेन तकनीक (Blockchain Technology) एक क्रांतिकारी बदलाव के रूप में सामने आई है। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के साथ इसकी शुरुआत हुई, लेकिन आज इसका प्रभाव केवल डिजिटल करेंसी तक सीमित नहीं है। वित्तीय लेनदेन, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, बीमा, और सरकारी सेवाओं तक ब्लॉकचेन तकनीकी ने अर्थव्यवस्था (Economy) को नई दिशा दी है। ब्लॉकचेन तकनीक क्या है? ब्लॉकचेन एक विकेन्द्रीकृत (Decentralized) डिजिटल लेजर है, जिसमें डेटा ब्लॉक्स के रूप में स्टोर होता है और हर ब्लॉक आपस में एक चेन के जरिए जुड़ा होता है। इसमें दर्ज कोई भी जानकारी बाद में बदली नहीं जा सकती। यह सुरक्षित, पारदर्शी और तेज़ लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। इसका इस्तेमाल सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी (जैसे बिटकॉइन, एथेरियम) तक सीमित नहीं बल्कि कई आर्थिक क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है। ...

क्रिप्टो करेंसी निवेश के फायदे और नुकसान पूरी जानकारी

क्रिप्टो करेंसी के  मूल्य में बहुत ज्यादा और उतार-चढ़ाव देखा जाता है इसलिए क्रिप्टो में निवेश करने से पहले इसके  फायदे और नुकसान दोनों  को अच्छे से समझें और फिर सावधानीपूर्वक निर्णय लें। क्रिप्टो करेंसी निवेश के फायदे और नुकसान – पूरी जानकारी परिचय आज के डिजिटल युग में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश का सबसे चर्चित और तेजी से बढ़ता हुआ विकल्प बन चुका है। दुनिया भर में लाखों लोग Bitcoin, Ethereum, Ripple, Litecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं। भारत में भी इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। लेकिन हर निवेश की तरह इसमें भी फायदे और नुकसान दोनों मौजूद हैं। अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश (Crypto Investment in Hindi) करने का सोच रहे हैं, तो पहले इसके फायदे और जोखिम को समझना बेहद जरूरी है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे – क्रिप्टोकरेंसी क्या है? क्रिप्टो निवेश के फायदे क्या हैं? क्रिप्टो निवेश के नुकसान क्या हैं? क्रिप्टो में निवेश करते समय किन बातों का ध्यान रखें? अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs) क्रिप्टो करेंसी क्या है? (What is Cryptocur...

क्रिप्टो करेंसी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव क्या है

भारत में क्रिप्टो करेंसी वैध मुद्रा का दर्जा नहीं दिया गया है। भारत सरकार सही नियम और नियामक ढाँचा बनाती है, तो क्रिप्टो करेंसी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विकास का नया इंजन साबित हो सकती है। क्रिप्टो करेंसी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव क्या है? परिचय भारत तेजी से डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। डिजिटल पेमेंट, फिनटेक और ब्लॉकचेन तकनीक ने वित्तीय जगत में बड़ा बदलाव लाया है। ऐसे समय में क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) का महत्व और चर्चा तेजी से बढ़ रही है। हालाँकि भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी को अभी तक कानूनी मुद्रा (Legal Tender) का दर्जा नहीं दिया है, लेकिन निवेश और तकनीकी दृष्टिकोण से इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा असर देखा जा रहा है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे – क्रिप्टो करेंसी क्या है? भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टो का सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव भारत में क्रिप्टो निवेश और उसका भविष्य सरकार की नीतियाँ और नियम निवेशकों के लिए सुझाव क्रिप्टो करेंसी क्या है? क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आ...

नवीकरणीय ऊर्जा का आर्थिक महत्व क्या है

इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि नवीकरणीय ऊर्जा का आर्थिक महत्व क्या है और यह भारत जैसे विकासशील देश के लिए क्यों जरूरी है। नवीकरणीय ऊर्जा का आर्थिक महत्व क्या है? परिचय दुनिया तेजी से बदल रही है और ऊर्जा का महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है। पारंपरिक ऊर्जा स्रोत जैसे कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं और इनसे पर्यावरण को गंभीर नुकसान भी होता है। ऐसे में नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरकर सामने आई है। नवीकरणीय ऊर्जा न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है बल्कि यह किसी भी देश की आर्थिक प्रगति, ऊर्जा सुरक्षा और रोजगार सृजन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। नवीकरणीय ऊर्जा क्या है? नवीकरणीय ऊर्जा ऐसे ऊर्जा स्रोतों को कहते हैं जो प्रकृति में स्वतः पुनः उत्पन्न होते रहते हैं और कभी खत्म नहीं होते। प्रमुख नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत सौर ऊर्जा (Solar Energy) पवन ऊर्जा (Wind Energy) जल ऊर्जा (Hydropower) बायोमास ऊर्जा (Biomass Energy) भू-तापीय ऊर्जा (Geothermal Energy) नवीकरणीय ऊर्जा का आर्थिक महत्व 1. ऊर्जा सुरक्षा और आयात पर नि...

मेक इन इंडिया अभियान का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि मेक इन इंडिया अभियान का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है , इसके लाभ, चुनौतियाँ और भविष्य की संभावनाएँ। मेक इन इंडिया अभियान का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव भारत ने 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “मेक इन इंडिया” अभियान शुरू किया, जिसका मुख्य उद्देश्य देश को एक वैश्विक विनिर्माण हब बनाना और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना था। इस अभियान का लक्ष्य औद्योगिक विकास, निवेश आकर्षण और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना था। मेक इन इंडिया अभियान: एक परिचय मेक इन इंडिया अभियान भारत सरकार की राष्ट्रीय नीति और औद्योगिक सुधारों का हिस्सा है। इसका उद्देश्य केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि विदेशी निवेश को आकर्षित करना, तकनीकी क्षमता विकसित करना और रोजगार सृजन करना भी है। मुख्य बिंदु: भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना। घरेलू उत्पादन बढ़ाकर आयात पर निर्भरता कम करना। रोजगार के अवसर सृजित करना। तकनीकी और नवाचार आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना। आसान निवेश और व्यवसायिक माहौल तैयार करना। मेक इन इंडिया का भारतीय अर्थव्यवस्था पर...

Digital India ka Arthik Mahatva, डिजिटल इंडिया का आर्थिक महत्व

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि डिजिटल इंडिया का आर्थिक महत्व क्या है , यह रोजगार, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्तीय समावेशन और GDP पर कैसे असर डाल रहा है। डिजिटल इंडिया का आर्थिक महत्व क्या है? परिचय भारत आज तेजी से डिजिटल क्रांति के दौर से गुजर रहा है। डिजिटल इंडिया अभियान (Digital India Abhiyan) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 जुलाई 2015 को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य भारत को एक डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था (Knowledge Economy) में बदलना है। डिजिटल इंडिया ने न सिर्फ लोगों की जिंदगी आसान की है बल्कि आर्थिक विकास (Economic Growth) में भी बड़ा योगदान दिया है। आज गाँव-गाँव इंटरनेट पहुंच रहा है, डिजिटल पेमेंट सामान्य हो चुका है, स्टार्टअप्स और ई-कॉमर्स कंपनियाँ तेजी से बढ़ रही हैं और भारत विश्व की डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक मजबूत खिलाड़ी बन चुका है। डिजिटल इंडिया अभियान का उद्देश्य नागरिकों को डिजिटल सेवाओं तक आसानी से पहुँचाना सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और दक्षता लाना ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाना कैशलेस अर्थव्यवस्था...

भ्रष्टाचार का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव क्या है पूरी जानकारी

इस ब्लॉग में विस्तार से जानेंगे कि भ्रष्टाचार का अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है, इसके कारण, प्रकार, रोकथाम के उपाय और इससे होने वाले दीर्घकालिक परिणाम क्या हैं। भ्रष्टाचार का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव परिचय भ्रष्टाचार (Corruption) किसी भी देश की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा माना जाता है। यह केवल प्रशासनिक व्यवस्था को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था, निवेश, सामाजिक विकास और रोजगार सृजन पर भी गहरा असर डालता है। जब किसी राष्ट्र की संस्थाएँ भ्रष्टाचार से ग्रसित हो जाती हैं, तो वहाँ पारदर्शिता की कमी, संसाधनों का दुरुपयोग और आर्थिक असमानता बढ़ जाती है। भ्रष्टाचार क्या है? भ्रष्टाचार का अर्थ है – निजी लाभ के लिए पद, शक्ति या अधिकार का दुरुपयोग । यह कई रूपों में दिखाई देता है, जैसे – रिश्वतखोरी (Bribery) घोटाले (Scams) कर चोरी (Tax Evasion) काला धन (Black Money) भाई-भतीजावाद (Nepotism) ठेकों में गड़बड़ी (Contract Rigging) भ्रष्टाचार और अर्थव्यवस्था का संबंध अर्थव्यवस्था किसी देश की वित्तीय प्रणाली, व्यापार, निवेश, उत्पादन, रोजगार और विकास दर पर आधारित हो...