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arthshastra dhan ka vigyan,अर्थशास्त्र धन का विज्ञान है इस कथन की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए

अर्थशास्त्र की परिभाषा के संबंध में एडम स्मिथ के दृष्टिकोण की कई अन्य शास्त्रीय अर्थशास्त्रियों ने समर्थन की थी। उन सभी अर्थशास्त्रियों ने अर्थशास्त्र को धन के विज्ञान के रूप में परिभाषित किया।

अर्थशास्त्र धन की विज्ञान है – आलोचनात्मक समीक्षा | अर्थशास्त्र का महत्व और दृष्टिकोण

अर्थशास्त्र को केवल धन की विज्ञान कहना कितना उचित है? इस आलोचनात्मक समीक्षा में हम अर्थशास्त्र की परिभाषा, महत्व, सीमाएँ और आधुनिक दृष्टिकोण पर   विस्तार से चर्चा करेंगे।


अर्थशास्त्र धन की विज्ञान है – आलोचनात्मक समीक्षा

परिचय

अर्थशास्त्र (Economics) एक ऐसा विषय है जिसने मानव जीवन, समाज और राष्ट्र की प्रगति में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्राचीन काल से ही विद्वानों ने इसे “धन की विज्ञान” (Science of Wealth) कहा। विशेषकर एडम स्मिथ (Adam Smith), जिन्हें अर्थशास्त्र का जनक कहा जाता है, ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक Wealth of Nations (1776) में अर्थशास्त्र को धन और उसके उत्पादन, वितरण तथा उपभोग से जोड़ा।

परंतु क्या वास्तव में अर्थशास्त्र केवल धन तक सीमित है? आधुनिक समय में जब मानव कल्याण, संसाधन प्रबंधन और विकास की व्यापक दृष्टि सामने आई है, तब यह परिभाषा सीमित प्रतीत होती है।

इस लेख में हम विस्तार से देखेंगे –

  • अर्थशास्त्र की उत्पत्ति और परिभाषाएँ
  • “धन की विज्ञान” कहने के पक्ष और विपक्ष
  • आलोचनात्मक दृष्टिकोण
  • आधुनिक परिभाषाएँ (मार्शल, रॉबिंस आदि)
  • आज के समय में अर्थशास्त्र की प्रासंगिकता
  • निष्कर्ष और FAQs

अर्थशास्त्र की उत्पत्ति और परिभाषा

 अर्थशास्त्र शब्द की उत्पत्ति

  • “Economics” शब्द ग्रीक भाषा के शब्द Oikonomia से निकला है।
  • Oikos = घर
  • Nomos = प्रबंधन
    अर्थात मूल अर्थ था – “घर-परिवार या संसाधनों का प्रबंधन”

 प्रारंभिक परिभाषा

  • प्रारंभिक अर्थशास्त्रियों ने इसे मुख्यतः धन की उत्पत्ति और वितरण का विज्ञान माना।
  • एडम स्मिथ ने लिखा – Economics is the science of wealth.

 धन की विज्ञान कहने के पक्ष में तर्क

  1. अर्थशास्त्र का मुख्य उद्देश्य धन अर्जन रहा

    • प्राचीन समय में अर्थशास्त्र का फोकस उत्पादन और व्यापार पर था।
    • राष्ट्र की समृद्धि धन से ही आंकी जाती थी।
  2. धन जीवन की आवश्यकताओं का आधार

    • शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, वस्त्र – सभी धन पर निर्भर हैं।
    • अतः अर्थशास्त्र को धन से जोड़ना स्वाभाविक है।
  3. विज्ञान की दृष्टि से व्यवस्थित अध्ययन

    • उत्पादन, वितरण, उपभोग, निवेश और बाजार का वैज्ञानिक अध्ययन अर्थशास्त्र के अंतर्गत आता है।

 धन की विज्ञान कहने के विरुद्ध तर्क

  1. मानव कल्याण की उपेक्षा

    • केवल धन पर फोकस करने से सामाजिक न्याय, नैतिकता और कल्याण की अनदेखी होती है।
  2. धन ही सब कुछ नहीं

    • समाज में प्रेम, सुख, शांति और संतोष भी महत्वपूर्ण हैं।
    • इन्हें केवल धन से नहीं मापा जा सकता।
  3. गरीब और पिछड़े वर्ग की उपेक्षा

    • यदि अर्थशास्त्र केवल धन तक सीमित है, तो गरीब वर्ग का महत्व कम हो जाता है।
  4. आधुनिक दृष्टिकोण

    • मार्शल ने कहा – Economics is the study of mankind in the ordinary business of life.
    • रॉबिंस ने इसे मानव व्यवहार का अध्ययन बताया जो सीमित साधनों का उपयोग कर असीमित इच्छाओं की पूर्ति करता है।

आधुनिक अर्थशास्त्र की दृष्टि

 मार्शल की परिभाषा

  • अर्थशास्त्र केवल धन की नहीं बल्कि मानव कल्याण की विज्ञान है।
  • उन्होंने मानव जीवन के सामाजिक और नैतिक पक्ष पर जोर दिया।

 रॉबिंस की परिभाषा

  • अर्थशास्त्र संसाधनों की कमी और विकल्प के चुनाव की विज्ञान है।
  • यहाँ धन गौण है और निर्णय लेने की प्रक्रिया मुख्य है।

आलोचनात्मक समीक्षा

  • धन की विज्ञान कहना आधा सच है।
  • धन महत्वपूर्ण है लेकिन यह केवल साधन है, लक्ष्य नहीं।
  • अर्थशास्त्र का वास्तविक उद्देश्य होना चाहिए –
    1. संसाधनों का कुशल उपयोग
    2. समान वितरण
    3. सामाजिक और मानव कल्याण
    4. सतत विकास

 आज के समय में अर्थशास्त्र की प्रासंगिकता

  1. वैश्विक व्यापार और बाजार

    • ग्लोबलाइजेशन ने अर्थशास्त्र को और व्यापक बना दिया है।
  2. गरीबी और असमानता का समाधान

    • आर्थिक नीतियाँ केवल धन अर्जन नहीं बल्कि असमानताओं को कम करने के लिए भी जरूरी हैं।
  3. पर्यावरण और सतत विकास

    • केवल धन की अंधाधुंध खोज से पर्यावरण संकट गहराया है।
    • आज अर्थशास्त्र का दायरा “ग्रीन इकोनॉमी” तक बढ़ गया है।
  4. डिजिटल और AI आधारित अर्थव्यवस्था

    • डिजिटल करेंसी, AI और तकनीकी क्रांति ने अर्थशास्त्र को नया आयाम दिया है।

 निष्कर्ष

अर्थशास्त्र को केवल धन की विज्ञान कहना उचित नहीं।

  • यह परिभाषा संकीर्ण और अधूरी है।
  • आधुनिक युग में अर्थशास्त्र मानव कल्याण, संसाधन प्रबंधन और सतत विकास की विज्ञान है।

इसलिए सही कहा गया है –
👉 “Economics is not merely the science of wealth, but the science of welfare and choice.”


 FAQs (प्रश्न–उत्तर)

Q1: अर्थशास्त्र को धन की विज्ञान क्यों कहा गया?
Ans: प्रारंभिक अर्थशास्त्रियों ने धन और व्यापार पर जोर दिया। राष्ट्र की शक्ति धन से मापी जाती थी, इसलिए इसे धन की विज्ञान कहा गया।

Q2: क्या केवल धन से मानव जीवन सुखी हो सकता है?
Ans: नहीं, धन आवश्यक है परंतु मानव कल्याण, नैतिकता, संतोष और समानता भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं।

Q3: आधुनिक अर्थशास्त्र की परिभाषा क्या है?
Ans: आधुनिक अर्थशास्त्र सीमित साधनों के बीच असीमित इच्छाओं की पूर्ति और मानव कल्याण का अध्ययन है।

Q4: अर्थशास्त्र का आज के समय में क्या महत्व है?
Ans: वैश्विक व्यापार, गरीबी समाधान, पर्यावरण संरक्षण और डिजिटल अर्थव्यवस्था – सभी में अर्थशास्त्र का योगदान अहम है।

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