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jansankhya niyantran ke upay, भारत में जनसंख्या वृद्धि को रोकने के प्रमुख उपाय बताइए

भारत विश्व की सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है।  भारत के बढ़ती जनसंख्या के कारण इसके कई प्रकार के नकारात्मक और असामाजिक प्रभाव देखने के लिए मिलता है। इस लेख में आप जनसंख्या नियंत्रण के बेहतरीन उपाय के बारे में जानेगें।

भारत की जनसंख्या को नियंत्रित करने के उपाय

भारत की जनसंख्या काफी बड़ी है और तेजी से बढ़ रही है। भारत के जनसंख्या वृद्धि प्रतिशत विश्व में किसी भी देश से सबसे ज्यादा है। 

इसलिए प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण उपाय समय की मांग है। हम जानते हैं कि तीव्र जनसंख्या वृद्धि के लिए मुख्य रूप से जन्म दर जिम्मेदार है।

इसलिए जन्म दर को कम करने वाले उपायों को अपनाया जाना चाहिए। इन उपायों को 3 प्रमुखों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

सामाजिक उपाय:

जनसंख्या विस्फोट एक सामाजिक समस्या है और इसकी जड़ें समाज में गहरी हैं। इसलिए देश में फैली सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।

1. विवाह की न्यूनतम आयु:

चूंकि प्रजनन क्षमता शादी की उम्र पर निर्भर करती है। इसलिए शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाई जानी चाहिए। भारत में विवाह के लिए न्यूनतम आयु पुरुषों के लिए 21 वर्ष और महिलाओं के लिए 18 वर्ष कानून द्वारा निर्धारित की गई है। इस कानून को मजबूती से लागू किया जाए और प्रचार-प्रसार के जरिए लोगों को इसके प्रति जागरूक भी किया जाए।

2. महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाना:

महिलाओं के साथ आज भी भेदभाव होता है। वे घर की चार दीवारी तक ही सीमित हैं। वे अभी भी बच्चों के पालन-पोषण और पालन-पोषण तक ही सीमित हैं। इसलिए महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से विकसित होने के अवसर दिए जाने चाहिए। उन्हें मुफ्त शिक्षा दी जानी चाहिए।

3. शिक्षा का प्रसार:

शिक्षा के प्रसार ने लोगों के दृष्टिकोण को बदल दिया है। शिक्षित पुरुष विवाह में देरी करना और छोटे परिवार के मानदंडों को अपनाना पसंद करते हैं। शिक्षित महिलाएं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होती हैं और बार-बार गर्भधारण से बचती हैं और इस प्रकार जन्म दर को कम करने में मदद करती हैं।

4. गोद लेना:

महंगे इलाज के बावजूद कुछ माता-पिता को कोई संतान नहीं होती। उन्हें सलाह दी जाती है कि वे अनाथ बच्चों को गोद लें। यह अनाथ बच्चों और बच्चों के जोड़ों के लिए फायदेमंद होगा।

5. सामाजिक आउटलुक में बदलाव:

लोगों के सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव आना चाहिए। विवाह को अब सामाजिक बंधन नहीं माना जाना चाहिए। निःसंतान महिलाओं को हेय दृष्टि से नहीं देखना चाहिए।

6. सामाजिक सुरक्षा:

अधिक से अधिक लोगों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में लाया जाए। ताकि वे वृद्धावस्था, बीमारी, बेरोजगारी आदि की स्थिति में दूसरों पर निर्भर न रहें, इन सुविधाओं से उन्हें और बच्चों की इच्छा नहीं होगी।

 आर्थिक उपाय :

निम्नलिखित आर्थिक उपाय हैं:

1. अधिक रोजगार के अवसर:

पहला और सबसे महत्वपूर्ण उपाय ग्रामीण और साथ ही शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना है। सामान्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में प्रच्छन्न बेरोजगारी पायी जाती है। अत: बेरोजगार व्यक्तियों को ग्रामीण क्षेत्र से नगर की ओर स्थानांतरित करने का प्रयास किया जाना चाहिए। यह कदम जनसंख्या वृद्धि की जांच कर सकता है।

2. कृषि और उद्योग का विकास:

यदि कृषि और उद्योग का समुचित विकास किया जाए तो बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। जब उनकी आय में वृद्धि होगी तो वे अपने जीवन स्तर में सुधार करेंगे और छोटे परिवार के मानदंडों को अपनाएंगे।

3. जीवन स्तर:

जीवन स्तर में सुधार बड़े परिवार के मानक के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करता है। अपने उच्च जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए लोग एक छोटा परिवार रखना पसंद करते हैं। एके दास गुप्ता के अनुसार रुपये से कम कमाने वाले। प्रति माह 100 की औसत प्रजनन दर 3.4 बच्चे हैं और जो रुपये से अधिक कमाते हैं। 300 प्रति माह की प्रजनन दर 2.8 बच्चे हैं।

4. शहरीकरण:

यह रिकॉर्ड पर है कि शहरी क्षेत्रों में लोगों की जन्म दर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों की तुलना में कम है। इसलिए शहरीकरण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

 अन्य उपाय :

अन्य उपाय निम्नलिखित हैं:

1. देर से शादी:

जहां तक ​​संभव हो, विवाह 30 वर्ष की आयु में ही संपन्न हो जाना चाहिए। यह जन्म दर को नीचे लाने वाली महिलाओं के बीच प्रजनन की अवधि को कम करेगा। सरकार। विवाह की न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित की है। पुरुषों के लिए और 18 साल। महिलाओं के लिए।

2. आत्म नियंत्रण:

कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, जनसंख्या नियंत्रण के शक्तिशाली तरीकों में से एक आत्म नियंत्रण है। यह एक आदर्श और स्वस्थ दृष्टिकोण है और लोगों को इसका पालन करने के लिए प्रदान किया जाना चाहिए। यह जन्म दर को कम करने में मदद करता है।

3. परिवार नियोजन:

इस पद्धति का तात्पर्य परिवार की पसंद से है न कि संयोग से। निवारक उपाय अपनाकर लोग जन्म दर को नियंत्रित कर सकते हैं। इस पद्धति का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है; इस पद्धति की सफलता जन्म नियंत्रण के लिए सस्ते गर्भनिरोधक उपकरणों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। चंदर शेखर के अनुसार, "पहले बच्चे के लिए जल्दी करो, दूसरे बच्चे के लिए देर करो और तीसरे से बचो।"

4. मनोरंजन सुविधाएं:

यदि सिनेमा जैसी विभिन्न मनोरंजक सुविधाएं उपलब्ध हों तो जन्म दर में गिरावट आने की संभावना है; थिएटर, खेल और नृत्य आदि लोगों के लिए उपलब्ध हैं।

5. प्रचार:

टीवी, रेडियो और समाचार पत्र जैसे संचार माध्यम अशिक्षित और निरक्षर व्यक्तियों, विशेष रूप से देश के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में नियोजित परिवार के लाभों का प्रचार करने के अच्छे साधन हैं।

6. प्रोत्साहन:

सरकार। जन्म नियंत्रण उपायों को अपनाने के लिए लोगों को विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन दे सकता है। छोटे परिवार के मानदंडों को अपनाने वाले श्रमिक वर्ग को मौद्रिक प्रोत्साहन और छुट्टी और पदोन्नति जैसी अन्य सुविधाएं दी जा सकती हैं।

7. महिला को रोजगार:

जनसंख्या नियंत्रण का दूसरा तरीका महिलाओं को रोजगार देना है। महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। प्रतियोगी परीक्षाओं में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं महिलाएं परिणामस्वरूप शिक्षण, चिकित्सा और बैंकिंग आदि क्षेत्रों में इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। संक्षेप में, वहाँ सभी उपाय करके हम जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित कर सकते हैं।

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